छूटे नहीं कन्हैया,
ब्रज धाम मरते मरते,
मेरे लबो से निकले,
तेरा नाम मरते मरते।।
सारा जमाना रूठे,
दामन ना तेरा छूटे,
प्यारे दामन ना तेरा छूटे,
दर्शन तुम्हारा पाऊँ,
सरकार मरते मरते,
दर्शन तुम्हारा पाऊँ,
सरकार मरते मरते,
छुटे नही कन्हैया,
ब्रज धाम मरते मरते,
मेरे लबो से निकले,
तेरा नाम मरते मरते।।
तज कर के प्राण जाऊं,
केवल तुम्हे बुलाऊँ,
प्यारे केवल तुम्हे बुलाऊँ,
मस्तक पे मेरे रखना,
प्रभु पाव मरते मरते,
मस्तक पे मेरे रखना,
प्रभु पाव मरते मरते,
छुटे नही कन्हैया,
ब्रज धाम मरते मरते,
मेरे लबो से निकले,
तेरा नाम मरते मरते।।
संतो का नाथ संग हो,
केवल तेरी लगन हो,
ओ प्यारे केवल तेरी लगन हो,
फिर ब्रज में ही जनम हो,
करतार मरते मरते,
छुटे नही कन्हैया,
ब्रज धाम मरते मरते,
मेरे लबो से निकले,
तेरा नाम मरते मरते।।
झूठा जगत है सारा,
प्रेमी बनू तुम्हारा,
तेरे चरणों में ही पाऊं,
आराम मरते मरते,
छुटे नही कन्हैया,
ब्रज धाम मरते मरते,
मेरे लबो से निकले,
तेरा नाम मरते मरते।।
छूटे नहीं कन्हैया,
ब्रज धाम मरते मरते,
मेरे लबो से निकले,
तेरा नाम मरते मरते।।
स्वर – चित्र विचित्र महराज जी।