कोरोना की विदाई,
तेरे घर रहने में है,
तेरे अपनों की भलाई,
तेरे घर रहने में है,
कोरोना की विदाईं,
तेरे घर रहने में है।।
तर्ज – दिल के अरमां।
तू अभी घर से नहीं,
बाहर निकल,
तेरे सपनों की सच्चाई,
तेरे घर रहने में है,
कोरोना की विदाईं,
तेरे घर रहने में है।।
संक्रमित होने में लगता,
एक पल,
सारे जीवन की कमाई,
तेरे घर रहने में है,
कोरोना की विदाईं,
तेरे घर रहने में है।।
कोरोना की विदाई,
तेरे घर रहने में है,
तेरे अपनों की भलाई,
तेरे घर रहने में है,
कोरोना की विदाईं,
तेरे घर रहने में है।।
गायक – पप्पू शर्मा जी।