दाता दरश को तेरे,
मेरी आँख तरसती है,
बाबा दरश को तेरे,
मेरी आँख तरसती है,
गमे आंसुओं की धारा,
गमे आंसुओं की धारा,
बरखा सी बरसती है,
बाबा दर्श को तेरे,
मेरी आँख तरसती है।।
सागर में आ रहे है,
तूफान तो हजारों,
हे देव पार करना,
मेरी छोटी सी कश्ती है,
बाबा दर्श को तेरे,
मेरी आँख तरसती है।।
तेरे दायरे में हमको,
रहने दे मेरे बाबा,
तेरे दायरे के बाहर,
एक आग बरसती है,
बाबा दर्श को तेरे,
मेरी आँख तरसती है।।
आना जरूर आना,
करके कोई बहाना,
तेरे चाहने वालों की,
इतनी बड़ी बस्ती है,
बाबा दर्श को तेरे,
मेरी आँख तरसती है।।
‘भारत’ तो इतना जाने,
जो है तेरे दीवाने,
‘सोनी’ तो इतना जाने,
जो है तेरे दीवाने,
सबके घरों में ज्योति,
तेरे नाम की जगती है,
बाबा दर्श को तेरे,
मेरी आँख तरसती है।।
दाता दरश को तेरे,
मेरी आँख तरसती है,
बाबा दरश को तेरे,
मेरी आँख तरसती है,
गमे आंसुओं की धारा,
गमे आंसुओं की धारा,
बरखा सी बरसती है,
बाबा दर्श को तेरे,
मेरी आँख तरसती है।।
Singer – Sanjay Soni
https://youtu.be/yvmHvAZojoI