दाती माँ फरियाद सबकी सुनेगी,
बिगड़ी बनेगी आज बिगड़ी बनेगी।।
ये है माँ का द्वार सच्चा द्वार,
ये है माँ का द्वार सच्चा द्वार।
जन्म के ही गूंगो को बोलते है देखा,
अन्धो को यहाँ आके देखते है देखा,
यहाँ आके तकदीरे पलटा है खाती,
सूखे हुए चेहरों पे हरियाली आती,
बनती किनारा यहाँ खुद मजधार,
पतझड़ में देखि यहाँ हंसती बहार,
ये है माँ का द्वार सच्चा द्वार,
दाती माँ फरीयाद सबकी सुनेगी,
बिगड़ी बनेगी आज बिगड़ी बनेगी।।
ये है माँ का द्वार सच्चा द्वार,
ये है माँ का द्वार सच्चा द्वार।
यहाँ मारी भी चन्दन है बनती,
मैया विष को भी अमृत है करती,
हो जब करिश्मे माँ करती निराले,
रंक बन जाते है महलो वाले,
पूरी सवाली की है हर आस होती,
भागे अँधियारा ऐसी जग ज्योति होती,
ये है माँ का द्वार सच्चा द्वार,
दाती माँ फरीयाद सबकी सुनेगी,
बिगड़ी बनेगी आज बिगड़ी बनेगी।।
ये है माँ का द्वार सच्चा द्वार,
ये है माँ का द्वार सच्चा द्वार।
दाती माँ फरियाद सबकी सुनेगी,
बिगड़ी बनेगी आज बिगड़ी बनेगी।।
ये है माँ का द्वार सच्चा द्वार,
ये है माँ का द्वार सच्चा द्वार।