दादा भेरू दादा बोल जरा,
तू जयकार लगा,
दादा भेरू दादा बोंल जरा,
दिल मे ज्योत जगा,
मेवा नगर की पहाड़ियों में,
भेरू दादा का है वास,
दादा भेरू दादा बोंल जरा,
तू जयकार लगा।।
पारस प्रभु की सेवा में,
रहते है भैरव हरपल,
काला गोरा भैरव की,
प्रभु भक्ति है ये अटल,
पारस प्रभु है वीतरागी,
भैरव देव है बलकारी,
पार्श्व प्रभु पालनहारे,
भैरव देव है चमत्कारी,
पार्श्व प्रभु है अर्न्तयामी,
भैरव देव संकट हारी,
दादा भेरू दादा बोंल जरा,
तू जयकार लगा।।
दुनिया तेरी दीवानी है दादा,
तेरी ही मेहरबानी दादा,
तेरी कृपा का मिला जो खजाना,
हुआ ‘दिलबर’ मैं तेरा दीवाना,
ये ‘अनमोल’ बोले दादा,
हमसब बोले दादा,
ये दुनिया सारी बोले दादा,
भेरू दादा बस दादा,
भैरव देवा करू तेरी सेवा,
आके तेरे दरबार,
इस दिल से जब भी,
निकले होगी तेरी जय जयकार,
दादा भेरू दादा बोंल जरा,
तू जयकार लगा।।
दादा भेरू दादा बोल जरा,
तू जयकार लगा,
दादा भेरू दादा बोंल जरा,
दिल मे ज्योत जगा,
मेवा नगर की पहाड़ियों में,
भेरू दादा का है वास,
दादा भेरू दादा बोंल जरा,
तू जयकार लगा।।
गायक – अनमोल जैन ताल।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365