ओ दादा जोत पे आईए हो,
गांव खेडके आले आ के,
दर्श दिखाइए हो।।
हो मने सुनी से दादा खेड़ा,
बिगड़े काम बनावे,
जो भी तेरे दर पे आवे,
सुता भाग जगावे,
मेरा भी भाग जगाइए हो,
गांव खेडके आले आ के,
दर्श दिखाइए हो।।
हो सीले-सीले पानी ते मैं,
दादा तने नवाऊं,
और बनवा के ने खीर पूरी मैं,
तेरा भोग लगाऊं,
तू आ के भोग लगाइए हो,
गांव खेडके आले आ के,
दर्श दिखाइए हो।।
हो धोली चादर दादा तेरे,
दर पे ले के आया,
सारे ला दिए ठाठ तने,
मेरी करी निरोगी काया,
मेरा भी भाग जगाइए हो,
गांव खेडके आले आ के,
दर्श दिखाइए हो।।
तेरी दया ते गांव खेड़का,
गुरु द्वारा पाया,
गुरू नीरज शर्मा ते दादा,
मने सर पे हाथ टिकाया,
‘अनुपम शर्मा’ ने गान सिखाईए हो,
गांव खेडके आले आ के,
दर्श दिखाइए हो।।
ओ दादा जोत पे आईए हो,
गांव खेडके आले आ के,
दर्श दिखाइए हो।।
गायक – अनुपम शर्मा।
7988430353