दादा खेड़े दर्श दिखाइए,
म्हारे जागरण में आइए।।
तर्ज – नैनन में श्याम समाय ग्यो।
सरी नगरी के तुम हो राजा,
क्यों देर लगावै तू आज्या,
दादा खेड़े-3 मत तरसाईए,
म्हारे जागरण म्ह आइए,
हो दादा खेड़े दरश दिखाइए,
म्हारे जागरण म्ह आइए।।
या धोली ध्वजा लहरावे तेरी,
मनै पल पल याद सतावै तेरी,
दादा खेड़े-3 भाग जगाइए,
म्हारे जागरण म्ह आइए,
हो दादा खेड़े दरश दिखाइए,
म्हारे जागरण म्ह आइए।।
दादा सबके तुम भंडार भरो,
तेरे भक्तों का उद्धार करो,
दादा खेड़े-3 मेहर बरसाइए,
म्हारे जागरण म्ह आइए,
हो दादा खेड़े दरश दिखाइए,
म्हारे जागरण म्ह आइए।।
सुमित नै तेरा सहारा सै,
यो हरिसिहँपूर तै आरहया सै,
दादा खेड़े-3 सुण कै जाइए,
म्हारे जागरण म्ह आइए,
हो दादा खेड़े दरश दिखाइए,
म्हारे जागरण म्ह आइए।।
दादा खेड़े दर्श दिखाइए,
म्हारे जागरण में आइए।।
गायक / लेखक – सुमित स्वामी हरिसिहँपुरिया।
प्रेषक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लाणिया।
9996800660