हो दादा सुण खेड़े महाराज,
आज तेरे भगत बुलावे से।।
दीन दयालु दया का सागर,
ना अर्जी ठुकराता,
धोली ध्वजा और धोला चादरा,
जो भी तेरा चढ़ाता,
हो दादा – 3,
रखै भगत की लाज,
आज तेरे भगत बुलावे से।।
क्षेत्रपाल कोई कहे भूमिया,
कोई कहै तनै खेड़ा,
कोए गुड़ चुन पतासे लाड्डू,
कोई देवै तनै पेड़ा,
हो दादा – 3,
सबका अलग अंदाज,
आज तेरे भगत बुलावे से।।
मात मदानण मात चुगानण,
गैल चलै तेरे काली,
ब्रह्मा विष्णु शिव भी तूं है,
नगर की करै रुखाली,
हो दादा – 3,
तेरा एक छत्र राज,
आज तेरे भगत बुलावे से।।
मनजीत जुएं आला,
गुरु कृष्ण तै शीश झुकावै,
राजेश भगत संजय और,
मंसाराम भी टहल बजावै,
हो दादा – 3,
गांव यु खेड़ी साध,
आज तेरे भगत बुलावे से।।
हो दादा सुण खेड़े महाराज,
आज तेरे भगत बुलावे से।।
गायक – कृष्ण जुआं वाले।
9813297388