डाली बाई थारी महिमा,
जग में अति प्यारी,
रूणिचा में धोक लगावा,
भरदयो झोली म्हारी।।
डाली ऊपर जन्मया माता,
खेल रच्यो है भारी,
सायर संता के घरा में,
बाबो आप पुगाई।।
बालपणा में थे तो डाली,
भगति किनी भारी,
नाथ दुवारिका सागे रमता,
लीले की सवारी।।
मरबा लाग्या मिनख धडा धड़,
हेज्यो फेल्यो भारी,
रामधणी के सागे मिलकर,
मेटि पीड़ा सारी।।
राजा रे महाराजा डाली,
थाने शीस नवाता,
रूणिचा मे धोक लगाकर,
मन ईच्छा व पाता।।
संजू सोनी डाली बाई,
थारा भजन बनाता,
दास गोपालो सब भगता न,
भजन सुनावे।।
डाली बाई थारी महिमा,
जग में अति प्यारी,
रूणिचा में धोक लगावा,
भरदयो झोली म्हारी।।
गायक – गोपाल सोनी रतनगढ़।
9982095020