दर दर भटके माथा टेके,
ढूंढे क्या बावरिया,
झाँक ले अपने मन मंदिर में,
बैठा है सांवरिया।।
तर्ज – नगरी नगरी द्वारे द्वारे।
संकटहर्ता पालनकर्ता,
श्याम धनी है साथ तेरे,
मन में रख विश्वास बावरे,
तेरे संकट श्याम हरे,
श्याम सुमरले चिंतन करले,
काहे की फिकरिया,
दर दर भटकें माथा टेके,
ढूंढे क्या बावरिया।।
चमत्कार की बात करूं क्या,
पल पल पर्चा देता है,
बीच भंवर में नाव भगत की,
बाबा खुद ही खेता है,
बात मान ले छलका ले फिर,
भक्ति की गगरिया,
दर दर भटकें माथा टेके,
ढूंढे क्या बावरिया।।
जन्मों से तेरे आशिक बाबा,
हम तेरे है दीवाने,
श्याम सेवक के रूप में दुनियां,
‘राजू’ को ही पहचाने,
चलते जाएं तेरे भरोसे,
मस्ती की डागरिया,
दर दर भटकें माथा टेके,
ढूंढे क्या बावरिया।।
दर दर भटके माथा टेके,
ढूंढे क्या बावरिया,
झाँक ले अपने मन मंदिर में,
बैठा है सांवरिया।।
गायक – कमल कान्हा सुखवानी।
9414291164