दर पे तुम्हारे बाबा,
सबको बुलाना,
दर्श दिखाके बाबा,
दुखड़े मिटाना,
दर पे तुम्हारें बाबा,
सबको बुलाना।।
तर्ज – परदेसियों से ना।
रोती थी आँखें मेरी,
हँसता ज़माना,
किसको सुनाऊँ बाबा,
दिल का फ़साना,
आकर के तू ही मुझे,
गले से लगाना,
दर पे तुम्हारें बाबा,
सबको बुलाना।।
श्याम बगीची में,
लगते अखाड़े,
रोगी के रोगों को,
पल में भगाते,
कृपा आलूसिंह जी की,
देखे ज़माना,
दर पे तुम्हारें बाबा,
सबको बुलाना।।
सौंपी थी नैया मैंने,
अपनों के हाथों,
लहरों में डूबी नैया,
अपनों के हाथों,
नैया को मेरी बाबा,
पार लगाना,
दर पे तुम्हारें बाबा,
सबको बुलाना।।
लेता रहूं मैं,
नाम तुम्हारा,
तू ही बनेगा,
मेरा सहारा,
‘मोनू’ हुआ है बाबा,
‘राजेश’ हुआ है बाबा,
तेरा दीवाना,
दर पे तुम्हारें बाबा,
सबको बुलाना।।
दर पे तुम्हारे बाबा,
सबको बुलाना,
दर्श दिखाके बाबा,
दुखड़े मिटाना,
दर पे तुम्हारें बाबा,
सबको बुलाना।।
Singer – Shyam Ladli Priya Gupta
https://youtu.be/eXXbUO1kExw