दरबार श्याम के आजा,
अरदास तू अपनी सुना जा,
दुनिया वाले तो,
वक़्त पे पीठ दिखाते है,
मुश्किल घड़ियों में,
श्याम ही साथ निभाते है,
दरवार श्याम के आजा,
अरदास तू अपनी सुना जा।।
तर्ज – तेरी आंख्या का यो।
सब सरकार से ऊंची,
सरकारी श्याम की,
सब दरबार से ऊंची,
दरबानी श्याम की,
राजा हो या रंक,
वो शीश झुकाते है,
मुश्किल घड़ियों में,
श्याम ही साथ निभाते है,
दरवार श्याम के आजा,
अरदास तू अपनी सुना जा।।
श्याम सा ना कोई प्यारा,
पुरे संसार में,
सबकुछ मिल जाता है,
इनके ही प्यार ने,
वो जीत के लौटे,
हार के दर जो आते है,
मुश्किल घड़ियों में,
श्याम ही साथ निभाते है,
दरवार श्याम के आजा,
अरदास तू अपनी सुना जा।।
हाथों देते परचा,
तू आके देख ले,
खो ना भरोसा ‘गोलू’,
आजमा के देख ले,
जो इक बार आए,
वो इनके हो जाते है,
मुश्किल घड़ियों में,
श्याम ही साथ निभाते है,
दरवार श्याम के आजा,
अरदास तू अपनी सुना जा।।
दरबार श्याम के आजा,
अरदास तू अपनी सुना जा,
दुनिया वाले तो,
वक़्त पे पीठ दिखाते है,
मुश्किल घड़ियों में,
श्याम ही साथ निभाते है,
दरवार श्याम के आजा,
अरदास तू अपनी सुना जा।।
Singer – Shyam Singh Ji Chouhan
bahut achaa jai shree shyam ji