दरबार तेरा जन्नत से,
प्यारा सांवरे,
मेरी अँखियों को भा गया,
नज़ारा सांवरे,
मेरी अँखियों को भा गया,
नज़ारा सांवरे।।
तर्ज – अहसान मेरे दिल पे।
दिल में मेरे लगन ऐसी,
तुमको क्या बताऊँ,
जहाँ भी होता कीर्तन,
मैं वहीँ चला आऊं,
मुझे खाटू वाला धाम,
लगे प्यारा सांवरे,
मेरी अँखियों को भा गया,
नज़ारा सांवरे।।
खाटू जी में बसते है,
श्याम जी के प्यारे,
फूलों से श्रृंगार करते,
बाबा के दुलारे,
इत्र की खुशबू से,
महके द्वारा सांवरे,
मेरी अँखियों को भा गया,
नज़ारा सांवरे।।
‘नितिन’ तेरा लाडला,
तूने दर बुला लिया,
मैं हूँ तेरा लाडला,
तूने दर बुला लिया,
मुझको श्याम भक्ति का,
रंग चढ़ा दिया,
‘रमाकांत’ कहे खाटू आऊं,
दोबारा सांवरे,
मेरी अँखियों को भा गया,
नज़ारा सांवरे।।
दरबार तेरा जन्नत से,
प्यारा सांवरे,
मेरी अँखियों को भा गया,
नज़ारा सांवरे,
मेरी अँखियों को भा गया,
नज़ारा सांवरे।।
Singer – Nitin Khunger