दरबार ये श्याम प्रभु का है,
यहाँ जो मांगो वो मिलता है,
यहाँ जो मांगो वो मिलता है,
किस्मत का ताला खुलता है,
दरबार ये श्याम प्रभु का हैं,
यहाँ जो मांगो वो मिलता है।।
तर्ज – मेरा संकट कटने वाला है।
यहाँ देरी का कोई काम नही,
यहाँ सुबह से होती शाम नही,
पलभर में ही ये बाबा तो,
सबकी तक़दीर बदलता है,
यहाँ जो मांगो वो मिलता है,
किस्मत का ताला खुलता है,
दरबार ये श्याम प्रभु का हैं,
यहाँ जो मांगो वो मिलता है।।
ये सबसे सच्चा साथी है,
ये सबसे अच्छा माझी है,
ये थाम ले जिसकी नैया को,
वो भव से पार उतरता है,
यहाँ जो मांगो वो मिलता है,
किस्मत का ताला खुलता है,
दरबार ये श्याम प्रभु का हैं,
यहाँ जो मांगो वो मिलता है।।
ये बिगड़ी बनाने वाला है,
ये जग का पालनहारा है,
इसकी ही मर्जी से भक्तो,
संसार ये सारा चलता है,
यहाँ जो मांगो वो मिलता है,
किस्मत का ताला खुलता है,
दरबार ये श्याम प्रभु का हैं,
यहाँ जो मांगो वो मिलता है।।
दरबार ये श्याम प्रभु का है,
यहाँ जो मांगो वो मिलता है,
यहाँ जो मांगो वो मिलता है,
किस्मत का ताला खुलता है,
दरबार ये श्याम प्रभु का हैं,
यहाँ जो मांगो वो मिलता है।।
स्वर – विजय जी सोनी।