दर्दे दिल जब कभी मचलता है,
अश्क़ बन बन के गम पिघलता है,
दर्दे दिल जब कभी मचलता हैं।।
लाख कोशिश करूँ संभलने की,
लाख कोशिश करूँ संभलने की,
दिल तो दिल है कहाँ सम्भलता है,
दर्दे दिल जब कभी मचलता हैं।।
इतना डूबा हूँ उनकी यादों में,
इतना डूबा हूँ उनकी यादों में,
दिल कहीं भी नहीं बहलता है,
दर्दे दिल जब कभी मचलता हैं।।
हम तो अपनी वफ़ा पे कायम है,
हम तो अपनी वफ़ा पे कायम है,
वो बदल जाए जो बदलता है,
दर्दे दिल जब कभी मचलता हैं।।
वक्त का ही उसूल ऐसा है,
वक्त का ही उसूल ऐसा है,
लाख टाले मगर ना टलता है,
दर्दे दिल जब कभी मचलता हैं।।
दर्दे दिल जब कभी मचलता है,
अश्क़ बन बन के गम पिघलता है,
दर्दे दिल जब कभी मचलता हैं।।
गायक – धीरज बावरा जी।