दर्शन दीजो जी हनुमान,
चबादु नागर पान,
थाकि सोगन थाके माले,
राजी है भगवान,
चबादु नागर पान।।
वीर बली बजरंगबली थे,
छो अंजनी का जाया,
लोया किसी सी छाती थाकि,
और बजर की काया,
रावण के थे मुक्का धर के,
कर दिया ऊँचा पाया,
लंका माई हुई लड़ाई,
कूद पड्यो हनुमान,
चबादु नागर पान।।
लंका माई हुई लड़ाई,
खूब मच्यो घमसान,
हनुमान जी का घोटा चल्या,
लक्षमण जी का बाण,
आठ घाट अंगद ने रुकय्या,
दरवाजा भगवान,
किल्ला ऊपर मोल्या चढगा,
जल उठ्यो असमान,
चबादु नागर पान।।
पातालपुरी में मकरध्वज से,
जाकर करी लड़ाई,
देवी के जा पीछे चुप गया,
खा गया माल मिठाई,
वो अहिरावण ने मार कर,
देवी के बलि चढ़ाई,
राम लखन ने संग में ल्याया,
खूब बचाई जान,
चबादु नागर पान।।
बेगा बेगा आजो बजरंग,
भूल बिसर मत जाजो,
बीच भवर में अटकी नैया,
बेड़ो पार लगाजो,
राम जी के लेरा लेरा,
मात सिया ने ल्याजो,
घणा पावणा बण कर बजरंग,
माल मिठाई खाजो,
जीमण कर के कुल्ला करजो,
पाछे पान चबाजो,
नरसिंहदास छ सेवक थाको,
थे विका जजमान,
चबादु नागर पान।।
दर्शन दीजो जी हनुमान,
चबादु नागर पान,
थाकि सोगन थाके माले,
राजी है भगवान,
चबादु नागर पान।।
गायक – भवानी सिंह गूर्जर।
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