दर्शन कर लो,
आए अयोध्या में राम,
फूलों से इसे सजाओ,
कितना पावन है ये धाम,
दर्शन कर लों,
आए अयोध्या में राम।।
तर्ज – दिल का आलम।
पांच सौ वर्षों का ये संघर्ष था,
सभी के मन में दबा ये हर्ष था,
राम मंदिर की ये कहानी है,
कितने अपनों ने दी कुर्बानी है,
दर्शन कर लों,
आए अयोध्या में राम।।
राम के जैसा कोई दूजा नहीं,
वो तो हर एक मन में समाए है,
तृप्त होकर के करो दर्शन सभी,
कितने वर्षों में ये क्षण आए है,
दर्शन कर लों,
आए अयोध्या में राम।।
राम के संग में सीता माई है,
शत्रुघ्न लक्ष्मण भरत भाई है,
आज मंगल गीतों को गायेंगे,
इनकी भक्ति में डूब जाएंगे,
दर्शन कर लों,
आए अयोध्या में राम।।
दर्शन कर लो,
आए अयोध्या में राम,
फूलों से इसे सजाओ,
कितना पावन है ये धाम,
दर्शन कर लों,
आए अयोध्या में राम।।
गायक – रूपसिंह रैकवार विदिशा (म.प्र.)
8964983602