दर्शन तेरे आज,
पाने आया हूँ,
दर्दे दिल का हाल,
सुनाने आया हूँ,
तुझको अपने साथ,
ले जाने आया हूँ।bd।
तर्ज – दिल का सुना साज।
तेरे कानों तक क्या बाबा,
बात मेरी ये ना आई,
कहकर मैं तो तुमसे हारा,
कर ले मेरी सुनवाई,
बंद पड़ी अर्जी को,
खुलवाने आया हूँ,
दरशन तेरे आज,
पाने आया हूँ,
दर्दे दिल का हाल,
सुनाने आया हूँ।bd।
सूरज निकले पश्चिम से या,
चाहे समय उल्टा दौड़े,
सबकुछ है पर ये नहीं मुमकिन,
हाथ मेरा बाबा छोड़े,
मन का ये विश्वास,
बढ़ाने आया हूँ,
दरशन तेरे आज,
पाने आया हूँ,
दर्दे दिल का हाल,
सुनाने आया हूँ।bd।
कान पकड़कर हर गलती की,
मांगे ‘सचिन’ तुमसे माफ़ी,
ना है अब दरकार किसी की,
तेरा सहारा है काफी,
खुद को तेरे नाम,
लिखवाने आया हूँ,
दरशन तेरे आज,
पाने आया हूँ,
दर्दे दिल का हाल,
सुनाने आया हूँ।bd।
दर्शन तेरे आज,
पाने आया हूँ,
दर्दे दिल का हाल,
सुनाने आया हूँ,
तुझको अपने साथ,
ले जाने आया हूँ।bd।
Singer – Prakhar Lohiya