आरती श्री दशा माता की,
कष्ट सभी के ये निवारती,
मंगल मूर्ति संकट हरणी,
मंगलमय माँ दशा की आरती,
आरती श्रीं दशा माता की,
कष्ट सभी के ये निवारती।।
माँ मीनावाड़ा की तू महारानी,
है मात भवानी जग कल्याणी,
माँ दिन दशा तू ही सुधारणी,
धूप दीप से हो रही आरती,
आरती श्रीं दशा माता की,
कष्ट सभी के ये निवारती।।
व्रत पूजन कर जो करे साधना,
माँ करती उनकी पूरी मनोकामना,
श्रद्धा से हम सब करते प्रार्थना,
भगतो की बिगड़ी तू ही संवारती,
आरती श्रीं दशा माता की,
कष्ट सभी के ये निवारती।।
जगमग ज्योति मंदिर माही झलक रही,
शुभ बेला में आरती हो रही,
‘दिलबर’ दुनिया मे माँ सा कोई नही,
नागेश अँखिया माँ की छवि निहारती,
आरती श्रीं दशा माता की,
कष्ट सभी के ये निवारती।।
आरती श्री दशा माता की,
कष्ट सभी के ये निवारती,
मंगल मूर्ति संकट हरणी,
मंगलमय माँ दशा की आरती,
आरती श्रीं दशा माता की,
कष्ट सभी के ये निवारती।।
– गायक एवं प्रेषक –
दिलीप सिंह सिसोदिया ” दिलबर “
9907023365