दासी हूँ तेरी श्यामा,
सेवा में साथ रख लो,
मैं आपकी हूँ प्यारी,
मैं आपकी हूँ प्यारी,
अपने ही पास रख लो,
दासी हूँ तेरी राधे,
सेवा में साथ रख लो।।
सुन लो मेरी कहानी,
श्री राधे मेहरबानी,
श्री राधे मेहरबानी,
चरणों की रज में मुझको,
चरणों की रज में मुझको,
हरदम ही साथ रख लो,
दासी हूँ तेरी राधे,
सेवा में साथ रख लो।।
अवगुण से भरी हुई हूँ,
द्वारे पर पड़ी हुई हूँ,
द्वारे पर पड़ी हुई हूँ,
अपनी किरपा से श्यामा,
अपनी किरपा से श्यामा,
अवगुण तुम हमारे हर लो,
मैं आपकी हूँ प्यारी,
अपने ही पास रख लो।।
द्वारे पर पड़ी रहूँगी,
तेरा ही सुख चाहूँगी,
तेरा ही सुख चाहूँगी,
चरणों की देकर सेवा,
चरणों की देकर सेवा,
चरणों के पास रख लो,
मैं आपकी हूँ प्यारी,
अपने ही पास रख लो।।
दासी हूँ तेरी श्यामा,
सेवा में साथ रख लो,
मैं आपकी हूँ प्यारी,
मैं आपकी हूँ प्यारी,
अपने ही पास रख लो,
दासी हूँ तेरी राधे,
सेवा में साथ रख लो।।
स्वर – साध्वी पूर्णिमा दीदी जी।
प्रेषक – राघव।
7999673120