बांह पकड़ लो मेरी,
आया जग छोड़ के,
देखो इधर भी क्यों,
बैठे मुख मोड़ के,
दया करो मेरे श्याम,
कृपा करों मेरे श्याम।।
तर्ज – छुप गया कोई रे।
कुछ तो बताओ बाबा,
गलती हमारी,
रो रो के पूछे कब से,
अखियां बेचारी,
मुझको क्षमा अब कर दो,
कहूं हाथ जोड़ के,
देखो इधर भी क्यों,
बैठे मुख मोड़ के,
दया करों मेरें श्याम,
कृपा करों मेरे श्याम।।
नरसी को तारा तुमने,
मीरा को तारा,
इसीलिए कहते तुमको,
हारे का सहारा,
प्रेमियों के टेर पर,
गए तुम दौड़ के,
देखो इधर भी क्यों,
बैठे मुख मोड़ के,
दया करों मेरें श्याम,
कृपा करों मेरे श्याम।।
जो भी कहोगे मुझे,
वो ही करूंगा,
तुम्हारे बिना मैं एक पल,
रह ना सकूंगा,
कहता है ‘सागर’ तुमसे,
कहता है ‘राजू’ तुमसे,
दिल से दिल को जोड़ के,
देखो इधर भी क्यों,
बैठे मुख मोड़ के,
दया करों मेरें श्याम,
कृपा करो मेरे श्याम।।
बांह पकड़ लो मेरी,
आया जग छोड़ के,
देखो इधर भी क्यों,
बैठे मुख मोड़ के,
दया करों मेरे श्याम,
कृपा करों मेरे श्याम।।
Singer – Sagar Sawariya