दे दो गुरूजी ज्ञान,
मुझे तेरी लगन लगी,
मन मन्दिर में मेरे,
पावन ज्योत जगी,
दे दो गुरू जी ज्ञान,
मुझे तेरी लगन लगी।।
बार बार मैं करु गुरूजी,
तुमको यो प्रणाम मैं,
एक पल भी भूलू कोन्या,
सतगुरू तेरा नाम मैं,
हरपल तेरे प्यार की,
मस्ती मुझे चढ़ी,
दे दों गुरू जी ज्ञान,
मुझे तेरी लगन लगी।।
तेरी बगिया का फूल गुरुजी,
मत ना मुझे ठुकराओ तुम,
अपना समझ के मुझे गुरूजी,
अपने चरण लगाओ तुम,
तेरी भगती की मुझे,
गुरूजी उमंग चढी,
दे दों गुरू जी ज्ञान,
मुझे तेरी लगन लगी।।
मन पापी मेरा भटके गुरूजी,
कर दो नईया पार मेरी,
ज्ञान दान के दाता सुण ले,
छोटी सी अरदास मेरी,
अपने पास बिठा के,
कर दो मेरी भली,
दे दों गुरू जी ज्ञान,
मुझे तेरी लगन लगी।।
शिवानी सिंह भी तुमसे सतगुरू,
मांग यो वरदान है,
गुरू रविन्द्र भट्टी जी के,
नाम से पहचान है,
प्रवीण समैणिया ने भी,
तेरी लगन लगी,
दे दों गुरू जी ज्ञान,
मुझे तेरी लगन लगी।।
दे दो गुरूजी ज्ञान,
मुझे तेरी लगन लगी,
मन मन्दिर में मेरे,
पावन ज्योत जगी,
दे दो गुरू जी ज्ञान,
मुझे तेरी लगन लगी।।
Singer – Shivani Singh
Writer / Upload – Ravinder Bhatti
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