देखी जो सुरत आपकी,
मोने दुजो नी आवे दाय रे,
देखी जो सूरत आपकी,
माने दुजो नी आयो दाय रे।।
चौरासी रो जिवड़ो चौरासी मे जाय रे,
दया करी गुरुदेव ने,
जातोड़ो री पकड़ी बाय रे,
देखी जो सूरत आपकी,
माने दुजो नी आयो दाय रे।।
बाय पकड़ बारे लियो,
गुरु गौदया मे बिठाए रे,
जड़ तो चेतन कर लियो,
गुरु प्रेम प्याला पाय रे,
देखी जो सूरत आपकी,
माने दुजो नी आयो दाय रे।।
पतिव्रता ने पियु मले,
बालक ने मिलगी माय रे,
भुखा ने भोजन मले,
ज्यु सतगुरु मलिया आय रे,
देखी जो सूरत आपकी,
माने दुजो नी आयो दाय रे।।
मान मन सतगुरु मिले,
चरणे ध्यान लगाए रे,
सिमरण तो निरभे भया,
दसवो सन्मुख पाय रे,
देखी जो सूरत आपकी,
माने दुजो नी आयो दाय रे।।
देखी जो सुरत आपकी,
मोने दुजो नी आवे दाय रे,
देखी जो सूरत आपकी,
माने दुजो नी आयो दाय रे।।
गायक – श्री रामनिवासजी राव।
प्रेषक – देव राजपुरोहित नाथोणी जेरण।