देखो म्हारो श्याम,
कइयां जच रहयो है,
सिंघासन पे बैठयो,
बैठयो हँस रयो है।।
तर्ज – एक परदेसी मेरा।
सांवरी सलोनी छवि,
भोळो भाळो मुखड़ो,
प्रेम से निहार ले वो,
मिट जावे दुखड़ो,
आख्यां से अमरत,
बरस रयो है,
सिंघासन पे बैठयो,
बैठयो हँस रयो है।
देखों म्हारों श्याम,
कइयां जच रहयो है,
सिंघासन पे बैठयो,
बैठयो हँस रयो है।।
तीखा तीखा नैणा सु,
जादू यो चलावे,
अपणो बनावे बिन,
कदे ना भूलावे,
प्रेमियाँ की प्रेम डोर,
कस रयो है,
सिंघासन पे बैठियो,
बैठियो हँस रयो है,
देखों म्हारों श्याम,
कइयां जच रहयो है,
सिंघासन पे बैठियो,
बैठियो हँस रयो है।।
श्याम जैसो दुनिया में,
दूजो नहीं कोई और है,
मैं तो यही जाणा,
मेरा श्याम चित चोर है,
‘बिन्नू’ कवे जिव,
म्हारो फस रयो है,
सिंघासन पे बैठयो,
बैठयो हँस रयो है।
देखों म्हारों श्याम,
कइयां जच रहयो है,
सिंघासन पे बैठयो,
बैठयो हँस रयो है।।
देखो म्हारो श्याम,
कइयां जच रहयो है,
सिंघासन पे बैठयो,
बैठयो हँस रयो है।।
स्वर – रजनीश शर्मा।