देखो तो आज नए नए,
नगरिया में भूत घुस गए।
दोहा – दूल्हा बनके आ गए,
हिमगिरि के त्रिपुरार,
और देखनहारे यूं कहें,
कि हो गओ बंटाधार।
जागो रे जागो हाय हाय हाय,
अरे भागो रे भागो हाय हाय हाय,
देखो तो आज नए नए,
नगरिया में भूत घुस गए,
देखों तो आज नए नए,
नगरिया में भूत घुस गए।।
भली हिमाचल ने शादी रचाई,
घर बैठ अपने आफत बुलाई,
गौरा के भाग फूट गए,
नगरिया में भूत घुस गए,
देखों तो आज नए नए,
नगरिया में भूत घुस गए।।
ओ बऊ जल्दी खोलो किबारे,
सटके गरे खों प्राण हमारे,
जल्दी से आओ हाय हाय हाय,
देर ना लगाओ हाय हाय हाय,
हमरे तो प्राण गए गए,
नगरिया में भूत घुस गए,
देखों तो आज नए नए,
नगरिया में भूत घुस गए।।
जैसो दूल्हा ऊंसई बराती,
महिमा कछु कही न जाती,
सिर पे गंगा हाय हाय हाय,
गरे भुजंगा हाय हाय हाय,
कंकन बिछुअन के,
नगरिया में भूत घुस गए,
देखों तो आज नए नए,
नगरिया में भूत घुस गए।।
हाथों में घड़ी न पांवन पनइयां,
उन्ना कपड़ा पहरें नइयां,
लागे भिखारी हाय हाय हाय,
डूंडा सवारी हाय हाय हाय,
मुंडन की माला दए,
नगरिया में भूत घुस गए,
देखों तो आज नए नए,
नगरिया में भूत घुस गए।।
जब दूल्हा की सुनीं कहानी,
मैंना रोई हंसी भवानी,
गौरा है शिव की हाय हाय हाय,
शिव गौरा के हाय हाय हाय,
मैना के नैन बह रए,
नगरिया में भूत घुस गए,
देखों तो आज नए नए,
नगरिया में भूत घुस गए।।
जागो रे जागो हाय हाय हाय,
अरे भागो रे भागो हाय हाय हाय,
देखों तो आज नए नए,
नगरिया में भूत घुस गए,
देखों तो आज नए नए,
नगरिया में भूत घुस गए।।
रचनाकार एवं गायक – मनोज कुमार खरे।