दिल्ली सूबे के पास में,
एक बसे गुडगामे धाम,
बैठी माता शीतला।।
जब आवे मंगलवार हे,
जब आवे मंगलवार हे,
भगता की लंबी कतार हे,
चाहे सुबह हो या शाम,
बैठी माता शीतला।।
ये नारियल चुन्नी लावे सँ,
ये नारियल चुन्नी लावे सँ,
कोई पेट पालनीया आवे सँ,
कोये लौट कर प्रणाम,
बैठी माता शीतला।।
थोड़ी दूर पे मैं गई,
थोड़ी दूर पे मैं गई,
आगे पगी चौराहे आली,
इहका मात चोगानण नाम,
बैठी माता शीतला।।
माँ भगत तेरा यो आ लिया,
माँ भगत तेरा यो आ लिया,
शीश चरणा में झुका लिया,
करती भगताने माला माल,
बैठी माता शीतला।।
दिल्ली सूबे के पास में,
एक बसे गुडगामे धाम,
बैठी माता शीतला।।
गायक – मुकेश शर्मा।
प्रेषक – शिवांगिनी ठाकुर।
8800892539