देवी सिमरा शारदा मने,
गणपति देव मनाया।
दोहा – सिंह चढ़िया देवी मिलें,
गरूड़ चढ़िया भगवान,
बेल चढ़िया शिवजी मिलें,
पुरण हों सब काम।
देवी सिमरा शारदा मने,
गणपति देव मनाया,
चढ़िया तम्बूरा निज नाम रा,
मानें हरि गुण हरि गुण गाया,
वारी वारी बलहारी गुरा ने,
देव निरंजन धाया है वो जी।।
चन्दन कटाया गुरा ज्ञान रा,
अब करणी की करवत लाया,
मुली बनाई निज नाम री मानें,
बंक नाल ठहराया,
वारी वारी बलहारी गुरा ने,
देव निरंजन धाया है वो जी।।
नाभी कवल रा बीच में मानें,
गणे से घोड़ी लाया,
हरे पांच तत्व रा मोंहीणा मानें,
समझ समझ ठहराया,
वारी वारी बलहारी गुरा ने,
देव निरंजन धाया है वो जी।।
सतगुरु बेठा घोंखडे़ वाने,
जाकर शिश नमाया,
अणा आड़ा ऊरध रा बीच में,
मानें जोत निरंजन धाया,
वारी वारी बलहारी गुरा ने,
देव निरंजन धाया है वो जी।।
या गावे बजावे सुणें सामलें,
वाने खोज्यां से नफों सवायों,
पदम नाथ री वीनतीं मानें,
ज्ञान तम्बूरें गायों,
वारी वारी बलहारी गुरा ने,
देव निरंजन धाया है वो जी।।
देवी सिमरा शारदा माने,
गणपति देव मनाया,
चढ़िया तम्बूरा निज नाम रा,
मानें हरि गुण हरि गुण गाया,
वारी वारी बलहारी गुरा ने,
देव निरंजन धाया है वो जी।।
गायक – जगदीश चन्द्र जटिया।
मावली उदयपुर।
मोबाइल – 9950647154
प्रेषक – श्री धर्मराज बावजी स्टुडियो।