दुनिया में होंगे नाम बहुत,
इस जग में होंगे काम बहुत,
ना जाने क्या क्या होगा,
पर धाम अयोध्या जैसा,
ना हुआ कहीं ना होगा।।
पवित्र पावन पूरी अयोध्या,
सरयू के किनारे है,
अपनी आवाज लिए चमकते,
सूरज चांद सितारे है,
प्रभु जन्मभूमि अति पावन,
बना मंदिर जहां मनभावन,
ना जाने क्या क्या होगा,
पर धाम अयोंध्या जैसा,
ना हुआ कहीं ना होगा।।
राम नाम धुन गूंज रही है,
धरती और अंबर से,
राम नाम की लूट मची जहां,
राम नाम का रस बरसे,
जहां प्रीत राम से गहरी है,
हनुमान वहां के पहरी है,
ना जाने क्या क्या होगा,
पर धाम अयोंध्या जैसा,
ना हुआ कहीं ना होगा।।
जहां कोयल अपने पंचम सुर में,
गीत राम के गाती है,
धीरज धरके सूर्य की किरणें,
चमन के फूल खिलाती है,
रघुकुल के जो रघुनायक है,
हर जन-जन के जननायक है,
ना जाने क्या क्या होगा,
पर धाम अयोंध्या जैसा,
ना हुआ कहीं ना होगा।।
दुनिया में होंगे नाम बहुत,
इस जग में होंगे काम बहुत,
ना जाने क्या क्या होगा,
पर धाम अयोध्या जैसा,
ना हुआ कहीं ना होगा।।
Singer – Namrata Karwa