धम धम सीता महले चढे,
दोहा – सतीया सत मत छोडजो,
और सत छोड्या पथ जाय,
सत री बांधी लक्ष्मी,
आ फेर मिलेला आय।
धम धम सीता महले चढे,
धम धम सीता महले चढ़े,
जाय लागे सासु रे पाव,
जाय लागे सासु रे पाव,
रोमा जे ए हा।।
अरे सासु केवे सीता ने बात,
सासु केवे सीता ने बात,
मती दे मारे पगो रे हाथ,
मती लगा पगो रे हाथ,
रोमा जे ए हा।।
थू केविजे पापन नार,
थू केविजे पापन नार,
थे देखीया लंका रा बाजार,
थे देखीया लंका रा बाजार,
रोमा जे ए हा।।
सीता केवे सासु ने बात,
सीता केवे सासु ने बात,
मै नही हू पापन नार,
मै नही हूँ पापन नार,
रोमा जे ए हा।।
अरे सुनो बेलीयो सीता पुराण,
सुनो मानको सीता पुराण,
कटे पाप गंगा रा स्नान,
कटे पाप गंगा रा स्नान,
रोमा जे ए हा।।
अरे ले घडो ने पनघट जाय,
ले घडो ने पनघट जाय,
पनघट जायने धोवे पाव,
पनघट जायने धोवे पाव,
वन नारी रो लागे पाप,
रोमा जे ए हा।।
सरवी गौ दोवा जाय,
सरवी गौ दोवा जाय,
ठोकर देने गाय उठाय,
ठोकर देने गाय उठाय,
वन नारी रो लागे पाप,
रोमा जे ए हा।।
अरे ऊबी जवारे नेना बाल,
ऊबी जवारे नेना बाल,
खुला है माथा रा बाल,
खुला है माथा रा बाल,
वन नारी रो लागे पाप,
रोमा जे ए हा।।
घरवाला ने बोले गाल,
घरवाला ने बोले गाल,
डोला दे टाबर ने मार,
डोला दे टाबर ने मार,
वन नारी रो लागे पाप,
रोमा जे ए हा।।
हजबेंड करे मन में विचार,
हजबेंड करे मन में विचार,
इन वायप ने पिवर पोचाव,
इन वायप ने पिहर पोचाव,
पाची नी लाव घर री आन,
रोमा जे ए हा।।
अरे सुनो बेलीयो सीता पुराण,
सुनो मानको सीता पुराण,
कटे पाप गंगा रा स्नान,
कटे पाप गंगा रा स्नान,
रोमा जे ए हा।।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818
बहुत सुंदर