धन धन भाग आज,
सतगुरु आया।
दोहा – पूरब भाग सतगुरु मिला,
ज्ञान गंगा बहाय,
विजया मुमक्षु जन नहावे,
आवरण मल मिटाय।
धन धन भाग आज,
सतगुरु आया,
सतगुरु आया साथे,
ज्ञान गंग लाया,
धन्य धन्य भाग आज,
सतगुरु आया।।
उत्तम जिज्ञासु जन,
सखिया मिलके,
चार चरण चल,
हर्ष हर्ष नहाया,
धन्य धन्य भाग आज,
सतगुरु आया।।
अगम घाट डुबकी,
खावे सन्त सुरा,
पाँचो आत्म,
निरमल सुख छाया,
धन्य धन्य भाग आज,
सतगुरु आया।।
ज्ञान गंग अति,
शुद्ध जल धारा,
पाँचो कपड़ा धोय,
दाग मिटाया,
धन्य धन्य भाग आज,
सतगुरु आया।।
तीन फूलों से,
करू गुरु पूजा,
चरण शरण ले,
शीश चढ़ाया,
धन्य धन्य भाग आज,
सतगुरु आया।।
विजयानंद कहे गुरु,
चेतन सिंवरो,
गंग धार मिल बिंदु,
सिंधु समाया,
धन्य धन्य भाग आज,
सतगुरु आया।।
धन्य धन्य भाग आज,
सतगुरु आया,
सतगुरु आया साथे,
ज्ञान गंग लाया,
धन्य धन्य भाग आज,
सतगुरु आया।।
स्वर – स्वामी विजयानंद योगी।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052