धानी चुनरिया ओढ के मैं,
नाचू छमाछम मंदिर में,
लाज शर्म सब छोड़ कर मैं,
नाचू छमाछम मंदिर में।।
मीठी मधुर एक तान सुनाकर,
तूने दीवानी कर डाला,
तिरछी नजर से तीर चला कर,
दिल मेरा घायल कर डाला,
तेरी बिरहा में जलते जलते,
नाचू छमाछम मंदिर में,
धानी चुनरिया ओढ के मै,
नाचू छमाछम मंदिर में।।
तेरे इश्क की बरसे बदरिया,
जबसे मुझ पर बूंद गिरा,
सारे कहे मुझे तेरी जोगनिया,
जबसे तुझसे नैन मिला,
बाबुल की गलियां सब जग तज के,
नाचू छमाछम मंदिर में,
धानी चुनरिया ओढ के मै,
नाचू छमाछम मंदिर में।।
जब से लगन मुझको तेरी लागी,
बस में नहीं है मेरा ये दिल,
अपने ही रंग में रंग ले कन्हैया,
अब तो हुआ जीना मुश्किल,
‘संजीव’ सांवरिया तेरे भवन पे,
नाचे छमाछम मंदिर में,
धानी चुनरिया ओढ के मै,
नाचू छमाछम मंदिर में।।
धानी चुनरिया ओढ के मैं,
नाचू छमाछम मंदिर में,
लाज शर्म सब छोड़ कर मैं,
नाचू छमाछम मंदिर में।।
Singer – Sanjeev Pratihast