धनीया भेरु किजे मोटा देव,
शंकर शक्ति का घणा लाडला है।।
धनीया सिमरु में शारद मात,
गणपत सुन्धाला ने लिदा लार है।।
धनीया बाहरा वीगा कि वनराय,
तेहरा बीघा रो थाको चोवटो है।।
धनीया मालीडो़ आयो देवल जाण,
फुलड़ा लायो रे मूंगा मोल रा है।।
धनिया कुम्हारीयो आयो देवल जाण,
कलसीयां लायो रे मूंगा मोल रा है।।
धनिया आया आया वो आपरे द्वार,
आया भक्ता री लज्या राख जो रे।।
धनिया लवारीयों रे आयो देवल जाण,
साकलियां लायो रे मूंगा मोल रा है।।
धनिया कठे लगाई अतरी देर,
साकलियां गमकाता बेगा आवजों रे।।
धनिया भगत मण्डल गुण गाय,
शरणे आया ने होरा राकजो रे।।
धनीया भेरु किजे मोटा देव,
शंकर शक्ति का घणा लाडला है।।
गायक – जगदीश चन्द्र जटिया।
मो. 9950647154