धीरज बाँध के अर्ज लगा ले,
तेरो जनम सुधर जासी,
खाटू आया जाया कर तू,
प्रेम को सोदो पट जासी,
धीरज बाँध के अर्ज लगाले,
तेरो जनम सुधर जासी।bd।
तर्ज – नगरी नगरी द्वारे द्वारे।
ज्यूँ ज्यूँ खाटू जावेगो तू,
बिना किसी दरकार के,
त्यूं त्यूं प्रेम बढ़ेगो तेरो,
श्याम धणी सरकार से,
ऐ की यारी मिली जो प्यारे,
मौज स्यूं जीवन कट जासी,
धीरज बाँध के अर्ज लगाले,
तेरो जनम सुधर जासी।bd।
माया घणी लुटावे बाबो,
प्रीत में करतो देर जी,
एक बेर जो बंध गई डोरी,
रात ना करे सवेर जी,
श्याम चरण में मिटा ले हस्ती,
दुःख में सुख तने दिख जासी,
धीरज बाँध के अर्ज लगाले,
तेरो जनम सुधर जासी।bd।
तेरा तुझमे कुछ ना प्यारे,
जो कुछ है सब श्याम का,
‘ललित’ क्यों फिर तू मालिक बनता,
तू सेवक बन श्याम का,
श्याम नाम की रटन लगा तू,
तेरो अगलो पिछलो सुधर जासी,
Bhajan Diary Lyrics,
धीरज बाँध के अर्ज लगाले,
तेरो जनम सुधर जासी।bd।
धीरज बाँध के अर्ज लगा ले,
तेरो जनम सुधर जासी,
खाटू आया जाया कर तू,
प्रेम को सोदो पट जासी,
धीरज बाँध के अर्ज लगाले,
तेरो जनम सुधर जासी।bd।
Singer – Sanjay Mittal Ji