धिन माता धिन धरती ए,
तन कदे न देखी फिरती ए,
बड़ा बड़ा नर गीटगी ए,
तन कदे न देखी फिरती ए।।
धरती रो धणियाप करंता,
केई नर होगिया आगे,
रावण कुंभकरण सा योद्धा,
गया धड़िंदा खाता ए,
धीन माता धीन धरती ए,
तन कदे न देखी फिरती ए।।
भीम सरिखा बलवत योद्धा,
नीत वट करता कुस्ती है,
हिमाले मे हाड गालयो,
तोई नहीं आई सोमवती ए,
धीन माता धीन धरती ए,
तन कदे न देखी फिरती ए।।
तारु तो नावड़िया चाले,
नदिया चाले गीरती ए,
चांद सूरज चारो बेचारे,
नतर हाले फिरती ए,
धीन माता धीन धरती ए,
तन कदे न देखी फिरती ए।।
देवनाथ गुरु पुरा मिलिया,
सतगुरु मिलिया सीवरती ए,
ए कहे रैमान सुणो भाई साधो,
जाती जोग भगत की रे,
धीन माता धीन धरती ए,
तन कदे न देखी फिरती ए।।
धिन माता धिन धरती ए,
तन कदे न देखी फिरती ए,
बड़ा बड़ा नर गीटगी ए,
तन कदे न देखी फिरती ए।।
प्रेषक – महेंद्र ढाका।
7568206629