धिन सोलंकी सिद्ध राव,
नखत अवतारी,
बालूङो तपधारी,
थाने भुआ सा गोद खिलावे,
नखत अवतारी।।
धोरा वालों देश,
नखत तपधारी,
बालूङो तपधारी,
थाने बूआ सा गोद,
खिलावे नखत अवतारी।।
अलसी सिंहजी रा पोतरा,
कानजी रो लालो,
बाबो जन्म जन्म रो,
साथ निरंजन अवतारी।।
ओ कालो नाग नाग,
जरीलो डस जावे,
धुणा री भबूति लगाया सू,
जहर कट जावै।।
ओ राणो बजावे ढोल,
पपङो गावे छावली,
बाबो जन्म जन्म रो साथ,
निरंजन अवतारी।।
धिन सोलंकी सिद्ध राव,
नखत अवतारी,
बालूङो तपधारी,
थाने भुआ सा गोद खिलावे,
नखत अवतारी।।
प्रेषक – जयप्रकाश सिँवर।
9602812689
https://youtu.be/M3mEw589jic