दिल घबराये सांवरे,
मन व्याकुल हो जाए,
हमको उम्मीदें एक तुम्ही से,
आके क्यों ना धीर बँधाये।।
तर्ज – क्या करते थे।
किस बात की ये कैसी सज़ा है,
तेरी रजा में अपनी रजा है,
माना के देरी होती यहाँ है,
पर सांवरे ये तो इंतहा है,
दुनिया बड़ी रुलाती मुझे,
अकेला समझ कर सताती मुझे,
थक गए हम सितम सहते सहते,
क्यों ना हमें तू हंसाये।।
सभी ये बताते दयालु बड़े तुम,
दशा देख फिर भी क्यों गुमसुम खड़े तुम,
हारों के खातिर हरदम लडे तुम,
मेरी ओर फिर क्यों ज़रा ना बढे तुम,
जो तू ना सुने सुनाऊं किसे,
बेगानो में अपना बनाऊं किसे,
अब फिरा हाथ बाबा कृपा का,
शरण हम है सर को झुकाये।।
नज़रें फिराओ एक बर निहारो,
ज़रा गौर मुझ पर करके विचारो,
नहीं दूजे दर ‘गोलू’ कभी भी गया हूँ,
तुझी से कहा था तुझी से कहा हूँ,
जुडी हैं उम्मीदें तुम्ही से मेरी,
जो हारा मैं बाबा जाए तेरी,
अब लगा ले गले से मुझे तू,
खड़ा हूँ मैं फैला के बाहें।।
दिल घबराये सांवरे,
मन व्याकुल हो जाए,
हमको उम्मीदें एक तुम्ही से,
आके क्यों ना धीर बँधाये।।
Singer – Abhishek Nama