दिल को सुकून मिलता,
ऐ श्याम तेरे दर पे,
मुरझाया फूल खिलता,
ऐ श्याम तेरे दर पे।।
तू हारे का सहारा,
तू शीश का है दानी,
सारा जहान झुकता,
सारा जहान झुकता,
ऐ श्याम तेरे दर पे।।
मेरा हाल ए ग़म है,
सुनाने के क़ाबिल,
सुनो तुम सुनो मैं,
सुना के रहूँगा,
यही ठान ली है,
खाटू के राजा,
मैं तुमको भी अपना,
बना के रहूँगा,
मिटा दूँगा खुद को मैं,
चरणों में तेरे,
दर से मैं बिगड़ी,
बना के रहूँगा,
तेरे दर पे आया हूँ मैं,
झोली खाली लाया हूँ मैं,
बाबा मेरी विनती सुन लो,
मैं हूँ तेरे दर का भिखारी,
तू है दाता मैं हूँ पुजारी,
तेरे जैसा कौन है दानी,
तेरे जैसा कौन है दानी।
जिसने तुम्हे पुकारा,
उसको मिला सहारा,
भर जाती झोली खाली,
भर जाती झोली खाली,
ऐ श्याम तेरे दर पे।।
मेरी ज़िंदगी के मालिक,
बस इतनी कृपा करना,
‘संतोष’ मुझको मिलता,
संतोष मुझको मिलता,
ऐ श्याम तेरे दर पे।।
दिल को सुकून मिलता,
ऐ श्याम तेरे दर पे,
मुरझाया फूल खिलता,
ऐ श्याम तेरे दर पे।।
Singer – Mohan Yaduvanshi
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