दो हजार त्रेसठ री संवत,
नदियाँ उफन आवे रे,
अरे दो हजार त्रेसठ री संवत,
नदियाँ उपन आवे रे,
अरे मरूधर माई त्राहि त्राहि,
जबरी छावे ओ,
के कवास मायने,
अरे मरूधर माई त्राहि त्राहि,
जबरी छावे ओ,
के कवास मायने,
जियो जियो के कवास मायने,
ए घर रा घर पानी मे डूबा रे,
के कवास मायने।।
ए हे सांझ री उडीयोडी कुरजा,
रात कठे रेगी रे,
अरे सांझ री उडीयोडी कुरजा,
रात कठे रेगी रे,
अरे पाल समंद री पाल पे,
हिलोरा लेती रे,
के ढलती रात रा,
अरे पाल समंद री पाल पे,
हिलोरा लेती रे,
के ढलती रात रा,
जियो जियो रे ढलती रात रा,
थारी बोली माने मीठी लागे रे,
के ढलती रात रा।।
ए हे पाल समंद रे बाग में,
चम्पा री डाली लागी रे,
अरे पाल समंद रे बाग में,
चम्पा री डाली लागी रे,
अरे जोधाणे आयोडी फौजा,
पाछी भागी रे,
के रंग है राठौडा,
अरे जोधाणे आयोडी फौजा,
पाछी भागी रे,
के रंग है राठौडा,
जियो जियो रे रंग है राठौडा,
मूछा रे माते ताव देदो रे,
के रंग है राठौडा।।
ए हे किल्ला आगे चोतरी,
हनुमान गोडी ढाली रे,
अरे किल्ला आगे चोतरी,
हनुमान गोडी ढाली रे,
अरे उठते हनुमान बाबो,
हाकल किनी रे,
के जटाधारी नेे,
अरे उठते हनुमान बाबो,
हाकल किनी रे,
के जटाधारी ने,
जियो जियो के जटाधारी नेे,
हनुमान थारा परचा भारी रे,
के जटाधारी नेे।।
ए हे घणी खम्मा खेतेश्वर दाता,
ब्रम्हा रा अवतारी रे,
अरे घणी खम्मा खेतेश्वर दाता,
ब्रम्हा रा अवतारी रे,
अरे चलती रेल रो त्राहि,
चलती नदी उतारी रे,
के मरूधर मायने,
अरे चलती रेल रो त्राहि,
चलती नदी उतारी रे,
के मरूधर मायने,
जियो जियो के मरूधर मायने,
ए ब्रम्हा धाम री करी थरपना रे,
के मरूधर मायने।।
ए हे राजा रामजी बापजी रे,
गाया वालो धीनो रे,
अरे राजा रामजी बापजी रे,
गाया वालो धीनो रे,
अरे जोधाणे जायेने बाबो,
लायो झीणा रे,
के मिन्दर बनवायो,
अरे जोधाणे जायेने बाबो,
लायो झीणा रे,
के मिन्दर बनवायो,
जियो जियो के मिन्दर बनवायो,
कोई शिकारपुरा मे धाम,
सुहानो रे के मिन्दर बनवायो।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818