दूर खड़े क्या देख रहे हो,
सांवलिये सरकार,
कन्हैया ले चल परली पार,
जहां बिराजे राधे राणी,
अलबेली सरकार,
कन्हैया ले चल परली पार।।
तर्ज – साँवरीया ले चल परली पार।
मै तो हूँ कागज की नैया,
ना कोई माझी ना है खिवैया,
बन नाविक प्रभु नाँव संभालो,
बन नाविक प्रभु नाँव संभालो,
क्यों छोड़ी मजधार,
कन्हैया ले चल परली पार,
जहां बिराजे राधे राणी,
अलबेली सरकार,
कन्हैया ले चल परली पार।।
मुझको ना आवे पूजा अर्चन,
श्याम करूँ क्या तुझको अर्पण,
मै तो बस चरणों का चाकर,
मै तो बस चरणों का चाकर,
तू है प्राण आधार,
कन्हैया ले चल परली पार,
जहां बिराजे राधे राणी,
अलबेली सरकार,
कन्हैया ले चल परली पार।।
तेरे दरश को तरस रहे है,
नैन निगोड़े बरस रहे है,
निशदिन करते याद तुम्हे हम,
निशदिन करते याद तुम्हे हम,
मत भूलो सरकार,
कन्हैया ले चल परली पार,
जहां बिराजे राधे राणी,
अलबेली सरकार,
कन्हैया ले चल परली पार।।
कई जनम लिए तुमको ना पाया,
‘नंदू’ अब की मन भर आया,
जन्मो की परवाह नहीं मुझे,
जन्मो की परवाह नहीं मुझे,
गर तू खेवनहार,
कन्हैया ले चल परली पार,
जहां बिराजे राधे राणी,
अलबेली सरकार,
कन्हैया ले चल परली पार।।
दूर खड़े क्या देख रहे हो,
सांवलिये सरकार,
कन्हैया ले चल परली पार,
जहां बिराजे राधे राणी,
अलबेली सरकार,
कन्हैया ले चल परली पार।।