दुःख का बादल,
जब जब मुझ पे छा गया,
नीले घोड़े चढ़ कर,
बाबा आ गया,
वो आ गया वो आ गया,
वो आ गया मेरा श्याम,
दुख का बादल,
जब जब मुझ पे छा गया,
नीले घोड़े चढ़ कर,
बाबा आ गया।।
तर्ज – दिल दीवाना ना जाने कब।
जब जब संकट आया है,
इसको सामने पाया है,
दुनिया ने रिश्ते तोड़े,
इसने साथ निभाया है,
रोते हुए को हसा गया,
अपने गले लगा गया,
वो आ गया वो आ गया,
वो आ गया मेरा श्याम,
दुख का बादल,
जब जब मुझ पे छा गया,
नीले घोड़े चढ़ कर,
बाबा आ गया।।
स्वार्थ के संसार में,
ये ही एक सहारा है,
हर प्रेमी हक से कहता,
बाबा श्याम हमारा है,
हारे हुए को जीता गया,
भक्त का मान बढ़ा गया,
वो आ गया वो आ गया,
वो आ गया मेरा श्याम,
दुख का बादल,
जब जब मुझ पे छा गया,
नीले घोड़े चढ़ कर,
बाबा आ गया।।
ये सच्चा दातार है,
इसकी दया अपार है,
इसकी रहमत से चलता,
मेरा घर संसार है,
‘रजनी’ की बिगड़ी बना गया,
हर घड़ी लाज बचा गया,
वो आ गया वो आ गया,
वो आ गया मेरा श्याम,
दुख का बादल,
जब जब मुझ पे छा गया,
नीले घोड़े चढ़ कर,
बाबा आ गया।।
दुःख का बादल,
जब जब मुझ पे छा गया,
नीले घोड़े चढ़ कर,
बाबा आ गया,
वो आ गया वो आ गया,
वो आ गया मेरा श्याम,
दुख का बादल,
जब जब मुझ पे छा गया,
नीले घोड़े चढ़ कर,
बाबा आ गया।।
स्वर – रजनी राजस्थानी।
प्रेषक – अनुज कुमार मीना।