दुःख में यही तेरे काम आएगा,
कोई आए या ना आए,
मेरा श्याम आएगा,
दुःख में यही तेरे काम आएगा।।
तर्ज – पलकों का घर तैयार सांवरे।
दुनिया वालों से मैं अपने,
सुख दुःख कभी ना कहता,
मेरी चिंता करने वाला,
खाटू में है बैठा,
बिन बोले ही सबकुछ,
वो जान जाएगा,
दुःख में यहीं तेरे काम आएगा,
कोई आए या ना आए,
मेरा श्याम आएगा,
दुःख में यही तेरे काम आएगा।।
और किसी के आगे क्यों मैं,
लाज गवाऊ मेरी,
मेरे श्याम को तो बस है,
यहाँ कहने भर की देरी,
जो मैं कहूँगा वो मान जाएगा,
दुःख में यहीं तेरे काम आएगा,
कोई आए या ना आए,
मेरा श्याम आएगा,
दुःख में यही तेरे काम आएगा।।
दुःख में यही तेरे काम आएगा,
कोई आए या ना आए,
मेरा श्याम आएगा,
दुःख में यही तेरे काम आएगा।।
स्वर – मोना मेहता जी।