दुनियाँ मैं खा के ठोकर,
आया हुँ तेरे द्वारे,
बिगडी मेरी बनादे,
ओ हारे के सहारे।।
लाखो ने मुझसे पेहल,
तेरी श्याम कृपा पाई,
फरीयाद लेके आया,
मेरी करो सुनाई,
तेरी शरण मैं आया,
कृपालु श्याम प्यारे,
दुनियाँ मै खा के ठोकर,
आया हुँ तेरे द्वारे।।
नादान हुँ मैं बाबा,
पूजा ना तेरी जानू,
काबिल नही हूँ तेरे,
फिर भी तुझी को मानू,
है रोम रोम व्याकुल,
वाणी तुझे पुकारे,
दुनियाँ मै खा के ठोकर,
आया हुँ तेरे द्वारे।।
जीवन मैं मेरे आजा,
प्यारे बहार बन के,
सब मेल मन का धो दे,
मेरी पुकार सुन के,
मुझको भी श्याम तारो,
कई दीन जैसे तारे,
दुनियाँ मै खा के ठोकर,
आया हुँ तेरे द्वारे।।
सुनले कन्हैया अब तो,
कही दम निकल ना जाये,
रषिया कहेगा भुलन,
जो रस मुझे पिलाये,
अपने ‘हरीश’ के भी,
करो दूर पाप सारे,
दुनियाँ मै खा के ठोकर,
आया हुँ तेरे द्वारे।।
दुनियाँ मैं खा के ठोकर,
आया हुँ तेरे द्वारे,
बिगडी मेरी बनादे,
ओ हारे के सहारे।।
– गायक एव प्रेषक –
हरीश मगन सैनी
https://youtu.be/LVdLcA9-KfQ