दुनिया ये छलावा है,
कही तुम भी ना छल जाना,
बदले दुनिया लेकिन,
तुम भी ना बदल जाना।।
तुमसे ये जीवन है,
आधार हो तुम मेरा,
सच सच बोलूं जी मैं,
संसार हो तुम मेरा,
मुझ निर्बल ने बाबा,
तुमको ही तो बल माना,
बदले दुनिया लेकिन,
तुम भी ना बदल जाना।।
गर तुम जो बदले तो,
पुतला ये टूटेगा,
इस जीवन का सूरज,
एक पल में डूबेगा,
इस प्रेम के बंधन को,
मत तोड़ निकल जाना,
बदले दुनिया लेकिन,
तुम भी ना बदल जाना।।
तुम साथ जो मेरे हो,
जग की परवाह नहीं,
दुःख में ना बहे आँसू,
सुख की कोई चाह नहीं,
तेरी सेवा में बीते,
उस पल को ही पल माना,
बदले दुनिया लेकिन,
तुम भी ना बदल जाना।।
दुनिया ये छलावा है,
कही तुम भी ना छल जाना,
बदले दुनिया लेकिन,
तुम भी ना बदल जाना।।
गायक – संजय मित्तल जी।