ऐडा ऐडा लगन लिखाया गुरु ने मेरा,
श्लोक – गुरु बिनाजरा ज्ञान रा,
ने लाया वस्तु अमोल,
सौदागर साचा मिले तो,
ले सीर साते तोल।
ऐडा ऐडा लगन लिखाया गुरु ने मेरा,
ऐडा ऐडा लगन लिखाया रे,
जनम जनम से कुवारी मोरी सुरता,
अबके ब्याव रचाया रे।।
अरे हरी नाम की हल्दी लगाई,
चित का चन्दन लगाया है,
दया धरम की मेहंदी लगाई,
लाल लाल रंग आया है,
ऐसा ऐसा लगन लिखाया गुरु ने मेरा,
ऐडा ऐडा लगन लिखाया रे,
जनम जनम से कुवारी मोरी सुरता,
अबके ब्याव रचाया रे।।
आला लीला बाँस कटाया,
मोतिया सु मण्डप सजाया हे,
अरे पांच पच्चीसा सहेल्यां मिल कर,
मंगला गितड़ा गाया है,
ऐसा ऐसा लगन लिखाया गुरु ने मेरा,
ऐडा ऐडा लगन लिखाया रे,
जनम जनम से कुवारी मोरी सुरता,
अबके ब्याव रचाया रे।।
अरे धूम धड़ाका सु चली रे बराता,
आछा बेण्ड बजाया हे,
आगे आगे बेंड बजत हे,
बारातियो को नचाया हे,
ऐसा ऐसा लगन लिखाया गुरु ने मेरा,
ऐडा ऐडा लगन लिखाया रे,
जनम जनम से कुवारी मोरी सुरता,
अबके ब्याव रचाया रे।।
अरे सूरत नुरत दोई फेरा फरिया,
कन्या दान कराया है,
अरे सतगुरु शरण रबी दास बोल्या,
बींद परण ने आया है,
ऐसा ऐसा लगन लिखाया गुरु ने मेरा,
ऐडा ऐडा लगन लिखाया रे,
जनम जनम से कुवारी मोरी सुरता,
अबके ब्याव रचाया रे।।
ऐडा ऐडा लगन लिखाया गुरु ने मेरा,
ऐडा ऐडा लगन लिखाया रे,
जनम जनम से कुवारी मोरी सुरता,
अबके ब्याव रचाया रे।।
।। गुरु जी महाराज की जय।।
स्वर – लेहरुदास वैष्णव।
भजन प्रेषक –
कुलदीप मेनारिया आलाखेड़ी
सुपर