एक दिन मैंने सांवरिए से,
कह दी मन की बात,
हारे का गर साथी है तो,
दे दे मेरा साथ,
पकड़ मेरा हाथ सांवरिया,
पकड़ मेरा हाथ सांवरिया।।
जब जब तुमको कोई पुकारे,
दौड़ के तुम आ जाते हो,
जब जब आती मेरी बारी,
बैठे ही रह जाते हो,
ध्यान नहीं क्यों तेरा मुझ पर,
क्या है ऐसी बात,
हारे का गर साथी है तो,
दे दे मेरा साथ,
पकड़ मेरा हाथ सांवरिया,
पकड़ मेरा हाथ सांवरिया।।
करके भरोसा तुझ पर बाबा,
सब रिश्तो को तोड़ दिया,
ऐसी क्या लाचारी तेरी,
तूने भी मुझे छोड़ दिया,
जल बिन मछली तड़पे जैसे,
तड़पूँ मैं दिन रात,
हारे का गर साथी है तो,
दे दे मेरा साथ,
पकड़ मेरा हाथ सांवरिया,
पकड़ मेरा हाथ सांवरिया।।
सिख नहीं पाया हूँ अब तक,
कैसे दर्द छुपाते है,
लफ्जों से चुप रहता हूँ,
आंखों से बयां हो जाते है,
‘सोनू’ दीवाने की सांवरिया,
समझ ले तू जज्बात,
हारे का गर साथी है तो,
दे दे मेरा साथ,
पकड़ मेरा हाथ सांवरिया,
पकड़ मेरा हाथ सांवरिया।।
एक दिन मैंने सांवरिए से,
कह दी मन की बात,
हारे का गर साथी है तो,
दे दे मेरा साथ,
पकड़ मेरा हाथ सांवरिया,
पकड़ मेरा हाथ सांवरिया।।
Singer – Pintu Sharma
Upload By – Vishakha