एक फकीरा आया,
शिर्डी गाँव में,
आ बैठा वो नीम की,
ठंडी छाव में,
आ बैठा वो नीम की,
ठंडी छाव में।।
कभी अल्लाह अल्लाह बोले,
कभी राम नाम गुण गाये,
कोई मुल्ला मौलवी,
कोई संत फकीर बताये,
वो जाने किससे,
बाते करे हवाओ में,
आ बैठा वो नीम की,
ठंडी छाव में।।
एक फकिरा आया,
शिर्डी गाँव में,
आ बैठा वो नीम की,
ठंडी छाव में,
आ बैठा वो नीम की,
ठंडी छाव में।।
करता है करिश्मे ऐसे,
कोई जादुगर हो जैसे,
पानी मे दीप जलाये,
ना जाने हुआ ये कैसे,
वो तो मांगे सबकी खैर,
अपनी दुआओं में,
आ बैठा वो नीम की,
ठंडी छाव में।।
एक फकिरा आया,
शिर्डी गाँव में,
आ बैठा वो नीम की,
ठंडी छाव में,
आ बैठा वो नीम की,
ठंडी छाव में।।
है कौन कोई ना जाने,
कोई उसको ना पहचाने,
चोला फकीर का डाला,
देखो जग के दाता ने,
वो तो मांगे सबकी खैर,
अपनी दुआओ में,
आ बैठा वो नीम की,
ठंडी छाव में।।
एक फकिरा आया,
शिर्डी गाँव में,
आ बैठा वो नीम की,
ठंडी छाव में,
आ बैठा वो नीम की,
ठंडी छाव में।।
गायक – श्री मुरारी ‘लाल’ गुप्ता।
संपर्क – +91 9917555599
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