एक स्वांस का अंतर है,
मौत और जिंदगानी में,
थम गई जो तेरी धड़कने,
खत्म सारी कहानी है।।
तर्ज – एक प्यार का नगमा।
एक स्वांस की चाबी से,
चलता ये खिलोना है,
बेबस हुआ ये जीवन,
आया जबसे कोरोना है,
चहूं और कयामत है,
ऐसी परेशानी है,
थम गई जो तेरी धड़कने,
खत्म सारी कहानी है।।
सृष्टि ने पग पग पर,
एहसास कराया है,
औकात हमारी क्या,
सबको समझाया है,
फिर भी न समझ पाए,
कैसी ये नादानी है,
थम गई जो तेरी धड़कने,
खत्म सारी कहानी है।।
संकट ये जो छाया है,
तब समझ में आया है,
ईश्वर से बड़ा न कोई,
जिसने जग में बनाया है,
आशाओं की किरणों से,
नई दुनिया बसानी है,
थम गई जो तेरी धड़कने,
खत्म सारी कहानी है।।
एक स्वांस का अंतर है,
मौत और जिंदगानी में,
थम गई जो तेरी धड़कने,
खत्म सारी कहानी है।।
लेखक / प्रेषक – शिव नारायण वर्मा।
8818932923
गायक – विजय सोनी।