एक तू ही मेरा श्याम बिहारी,
की तेरे सिवा और कोई ना,
एक तू ही मेरा मोहन मुरारी,
की दूजा मेरा और कोई ना,
एक तू ही मेरा बांके बिहारी,
की तेरे सिवा और कोई ना।।
सूरज चाँद सितारें तुमसे,
बागो में है बहारें तुमसे,
तुम्ही से है ओर हरियाली,
की तेरे सिवा और कोई ना,
एक तू ही मेरा बांके बिहारी,
की तेरे सिवा और कोई ना।।
फसी भवर में जीवन नैया,
आकर पार लगा दे कन्हैया,
तेरे हाथ पतवार हमारी,
की तेरे सिवा और कोई ना,
एक तू ही मेरा बांके बिहारी,
की तेरे सिवा और कोई ना।।
सांसो का चलना भी तुम्ही से,
जीवन का ढलना भी तुम्ही से,
नस नस में बहे तू बिहारी,
की तेरे सिवा और कोई ना,
एक तू ही मेरा बांके बिहारी,
की तेरे सिवा और कोई ना।।
‘अमर-आकाश’ की लाज तुम्ही से,
बनती हर एक बात तुम्ही से,
अब लाज रखो बनवारी,
की तेरे सिवा और कोई ना,
एक तू ही मेरा बांके बिहारी,
की तेरे सिवा और कोई ना।।
एक तू ही मेरा श्याम बिहारी,
की तेरे सिवा और कोई ना,
एक तू ही मेरा मोहन मुरारी,
की दूजा मेरा और कोई ना,
एक तू ही मेरा बांके बिहारी,
की तेरे सिवा और कोई ना।।
Singer – Amar Akash