एकण बार आईजो गुरूजी,
सौ सौ बार आईजो,
सतगुरू जी मारोड़ा देश मे।।
दोहा – गुरू देवन के देव हो,
ने आप बड़े जगदीश,
बेड़ी भवजल बीच मे,
गुरू तारो विशवा वीस,
तरवर सरवर संत जन,
चौथा बरसे मेह,
परमारथ रे कारणे ए,
चारो धारी देह।।
एकण बार आईजों गुरूजी,
सौ सौ बार आईजो,
सतगुरू जी मारोड़ा देश मे।।
सतगुरू म्हारा फुलड़ा,
ओ दाता म्हारा फुलड़ा,
फुलड़ा मायली वासना रे ऐ हा,
एकण बार आईजों गुरूजी,
सौ सौ बार आईजो,
सतगुरू जी मारोड़ा देश मे।।
सतगुरू म्हारा देवल ओ,
दाता म्हारा देवल,
देवल मायला देवता रे ऐ हा,
एकण बार आईजों गुरूजी,
सौ सौ बार आईजो,
सतगुरू जी मारोड़ा देश मे।।
सतगुरू म्हारी पूजा ओ,
दाता म्हारी पूजा,
पूजा मायली आरती रे ऐ हा,
एकण बार आईजों गुरूजी,
सौ सौ बार आईजो,
सतगुरू जी मारोड़ा देश मे।।
सतगुरू म्हारी गंगा ओ,
दाता म्हारी गंगा,
गंगा मायली गोमती रे ऐ हा,
एकण बार आईजों गुरूजी,
सौ सौ बार आईजो,
सतगुरू जी मारोड़ा देश मे।।
सतगुरू म्हारी माला ओ,
दाता म्हारी माला,
माला मायला मोतिया रे ऐ हा,
एकण बार आईजों गुरूजी,
सौ सौ बार आईजो,
सतगुरू जी मारोड़ा देश मे।।
सतगुरू रे परताप सुं ओ,
दाता रे परताप सुं,
जीवन जोशी बोलिया रे ऐ हा,
एकण बार आईजों गुरूजी,
सौ सौ बार आईजो,
सतगुरू जी मारोड़ा देश मे।।
एकण बार आईजो गुरूजी,
सौ सौ बार आईजो,
सतगुरू जी मारोड़ा देश मे।।
स्वर – प्रकाश माली जी
प्रेषक – पुखराज पटेल बांटा
9784417723