एकन बार आज्यो माँ,
दोहा – मैया आवज्यो पावणी,
और चढ़के सिंह सवार,
लागी लगनियां राम में,
लेऊं सत्संग को आधार।
एकन बार आज्यो माँ,
म्हारी बारंबार आज्यो,
श्रीयादे म्हारे पावणा रे हां।।
मैया म्हारी काया रे,
श्रीयादे म्हारी काया,
काया ओ मायली ज्योतियां रे हां।।
श्रीयादे म्हारी माला रे,
अंबा म्हारी माला,
सुमेरू मोतियां उपला रे हां।।
श्रीयादे म्हारी बाग रे,
मैया ओ म्हारी बाग,
बागां ओ मायली कोयली रे हां।।
मैया म्हारी मंदिर रे,
श्रीयादे म्हारी मंदिर,
मंदिर ओ मायली मूरती रे हां।।
मैया वाली माया रे,
शक्ति वाली माया,
यो ‘रतन’ किशन बोलिया रे हां।।
एकन बार आज्यो मां,
म्हारी बारंबार आज्यो,
श्रीयादे म्हारे पावणा रे हां।।
गायक / प्रेषक – पं. रतनलाल प्रजापति।